Shaper Machine Introduction Principal Parts

0

शेपर मशीन परिचय प्रकार सिध्द्धांत कार्यविधि एवं सावधानियाँ

Shaper Machine Introduction Principal Parts

Super Machine introduction principal parts

                         
                                   देखा जाए तो शेपर मशीन एक प्रकार से रंदा मशीन ही है। यह एक प्रकार की छोटी प्लेनर (Planer Machine) मशीन है। जिसका प्रयोग टूल रूम, डाई मेकिंग ओर अध्र्य प्रकार के वर्कशॉप में किया जाता है। वेटर मशीन में रैम, टूल को लेकर आगे और पीछे एक सीधी लाइन में मेटल को आगे की ओर जाते हुए काटती है। वर्कपीस को टेबल पर क्लैंप करके स्थिर रखा जाता है। शेपर मशीन का प्रमुख कार्य किसी प्रकार के कोणीय, समतल या खड़ी  सतह बनाना है। इसके अलावा शेपर मशीन पर किसी भी प्रकार की स्लोटिंग, बाहरी आ अंदरूनी चाबी के खांचे (Keyway), एन्ग्यूलर झीरियां  (Angular Grooves), अवतल और उत्तल सतह (Concave and Convex Surface)आदि बनाए जाते हैं। जॉब को वॉइस में पकड़ा (Clamp) जाता है। तथा वाइस को शेयर मशीन की टेबल पर क्लेम किया जाता है। कटिंग टूल (Cutting Tool) आगे की ओर (Forward Stroke)  जाते समय कटिंग ( Cutting) करता है। इस कारण से इसे  बेकार का आघात / आइडल स्टोक (Idle Stroke) भी कहते हैं। शेपर मशीन के टेबल पर बंधे जॉब को एक फिड मैकेनिज्म (Feed Mechanism) द्वारा फिड दी जाती है। शेपर मशीन का साइज उसकी अधिकतम स्टोक (Stroke) की लंबाई से लिया जाता है।

Shaper Machine Introduction Principal Parts

शेपर मशीन के मुख्य भाग(Parts of Shaper Machine)

आधार (Base)

                            यह कास्ट आयरन (Cast Iron) का बना हुआ खोकला भाग होता है। इसी आधार पर शेपर मशीन के अन्य पार्ट्स फिट होते हैं। इसका डिजाइन इस प्रकार बनाया जाता है कि मशीन का सारा लोड तथा कटाई टूल द्वारा उत्पन्न सभी झटकों को सह सके। यह आधार वर्कशॉप में बोलट की सहायता से फर्श पर कसा जाता है।

कॉलम / फ्रेम (Column / Frame)

                           यह भी कास्ट आयरन का बक्से नुमा खोखला भाग होता है। कॉलम को बेस पर मजबूती से बोल्ट के द्वारा जोड़ा जाता है। जिसके अंदर मशीन की सारे मैकेनिज्म जुड़े होते हैं। कॉलम में सबसे ऊपर रैम के चलने के लिए रास्ता बना होता है। जिससे Dovetail way कहते हैं। कॉलम के बाएं तरफ ढक्कन लगा होता है जिसे खोल कर अंदर के पार्ट्स को देख सकते हैं, दाएं और मशीन चलाने के लिवर आदि लगे होते हैं।

क्रॉस रेल (Cross Rail)

                            शेपर मशीन का यह पार्ट भी कास्ट आयरन का बना होता है। क्रॉस रेल चारों ओर से अच्छी प्रकार से मशीनिंग की हुई होती है। यह कॉलम के आगे फिट होती है, जिस पर टेबल रन करती है।

टेबल (Table)

                            यह पार्ट कास्ट आयरन का बना होता है। इसका डिजाइन चौकोर बक्से नुंमा होता है। टेबल क्रॉस रेल पर रन करती है। टेबल को वर्टिकल (Vertical) अथवा होरिजेंटल (Horizontal) चलाया जा सकता है।

रैम (Ram)

                            शेपर मशीन का मुख्य भाग रैम ही होता है। जो कॉलम के वे पर आगे पीछे चलता है। रैम के आगे का भाग गोल होता है। जिसमें टूल हेड स्लाइट (Tool Head Slide) को फिट किया जाता है। रैम के ऊपरी भाग पर एक लंबी स्लॉट (Slot) कटी हुई होती है। जिसमें रैम क्लाइंपिंग लीवर (Ram Clamping Kever) फिट होता है। यह लिवर नीचे लिंक ओर रॉकर आर्म (Link and Rocker Arm) में फिट होता है। जिसे घुमाकर रैम की स्थिति को कहीं भी सेट कर सकते हैं।

लेथ मशीन / खराद मशीन संचालन ( Lathe Machine Operations )

  रेती के प्रकार Types of Files


मापने वाले यंत्र Measuring Instrument


Property of Common Engineering Metals

धातुओं के गुण

टूल हैड (Tool Head)

                          यह कटिंग टूल को क्लेम करने का साधन है जो रैम के आगे गोलाकार भाग पर नट बोल्ट की मदद से फिट रहता है। टूल हेड के गोलाकार भाग पर दाएं से बाएं 60 डिग्री तक एक एक डिग्री के निशान अंकित होते हैं। नट बोल्ट को ढीला करके टूल हेड को किसी भी डिग्री पर सेट कर सकते हैं। टूल हेड में एक फिड स्क्रु लगा होता है। जिससे कटिंग टूल को वर्टिकल (Vertical) तथा एंगुलर (Angular) फीड दी जा सकती है।

ड्राइव इंडियन (Drive Pinion)

                            ड्राइव पिनियन बेकलाइट (Bakelite), कास्ट आयरन (Cast Iron) या गनमेटल (Gun Metal) की बनी एक छोटी गरारी (Gear) होती है। जो कि बुल गियर (Bull Gear) से मैश (Mesh) होकर उसको गति देती है। पिनियन को गति देने के लिए इसकी शाफ्ट गियर बॉक्स (Gear Box) या स्टेप कोण पुल्ली (Step Kone Pully) लगी होती है। जिसमें छोटी छोटी गिरारियां होती है। तथा इस गियर बॉक्स का संबंध वी पुल्ली के  द्वारा मोटर से होता है। कट चुकी होगी मिनियन गियर बैकालाइट की बनी होने के कारण इसके दांते कम घर्षण करते हैं तथा कम घिसते हैं।

बुल गियर (Bull Gear)

                            यह बड़े आकार का गियर होता है। जिसके दांते ड्राइव पिनियन से मैश (Mesh) करते हैं। तथा बुल गियर को पिनियन गियर / ड्राइव इंडियन से ही चाल मिलती है।

रॉकर आर्म (Rocker Arm)

                           रॉकर आर्म में बड़ी स्लाट कटी होती है। जिससे स्कॉच योक (Scotch Yoke) कहते हैं। इस स्लाॅट में एक आयताकार स्लाइडिंग ब्लॉक ऊपर से नीचे गति करता है। राॅकर आर्म की स्थिति को स्थिर रखने के लिए इसके निचले सिरे पर एक फलक्रम पिन (Fulcrum Pin) लगी होती है।

लिंक (Link)

                             लिंक रैम और रॉकर आर्म के मध्य कनेक्टिंग लिवर का काम करता है। यह रैम के साथ स्टड तथा क्लैपिंग लीवर की मदद से जुड़ा होता है।

Shaper Machine Introduction Principal Parts

शेपर मशीन के प्रकार (Types of Shaper Machine)

रैम की चालन यंत्रारावली के आधार पर (According to Ram Driving Mechanism)
क्रैंक ड्राइव शेपर मशीन (Crank Drive Shaper Machine)
गियर ड्राइव शेपर मशीन (Gear Drive Shaper Machine)
हाइड्रोलिक चलित ड्राइव शेपर मशीन (Hydraulic Drive Shaper Machine)

कटिंग स्टॉक की दिशा के अनुसार (According to Direction of Cutting Stroke)

पुश कट शेपर मशीन (Push Cut Shaper Machine)
ड्राइव कट शेपर मशीन (Draw Cut Shaper Machine)

 रैम की स्थिति के अनुसार (According to Position of Ram)

लेटी हुई शेपर मशीन (Horizontal Shaper Machine)
खड़ी शेपर मशीन (Vertical Shaper Machine)
ट्रैवलिंग हेड शेपर मशीन (Travelling Head Shaper Machine)
काउंटर शेपर मशीन (Counter Shaper Machine)


Shaper Machine Introduction Principal Parts
कार्य विधि (Working Method)

                            शेपर मशीन के टूल को टूल पोस्ट में लगाया जाता है। टूल पोस्ट रैम में लगा होता है। और रैम आगे पीछे चलता है। टूल के नीचे एक टेबल होती है। टेबल को ऊपर नीचे तथा दाएं बाएं करने का मैकेनिज्म होता है। किसी जॉब को आवश्यकतानुसार ऊपर नीचे करने के लिए टेबल में लगे हुए क्रॉस रेल को ऊपर नीचे घुमाया जाता है। जॉब को ऊपर नीचे कटाई करने के लिए टूल पोस्ट द्वारा टूल को व्यवस्थित किया जाता है। यह कार्य ऑटोमेटिक लीवर द्वारा होता है जो रैम में लगा होता है। छोटी शेपर मशीनों में यह मैकेनिज्म नहीं होता है। ऐसी मशीनों को हाथ से फिड दी जाती है।
                       शेपर मशीन में कटाई का काम टूल के आगे चलने की दिशा में होता है। टूल के पीछे आना वाली चाल में कटाई का काम नहीं होता है। जब रैम आगे चलता है तब उसकी स्पीड स्लो होती है लेकिन जैसे ही रैम वापस पीछे चलता है रैम की स्पीड तेज हो जाती है।
                       शेपर मशीन में किसी जॉब पर दाएं बाएं या कोणीय कटाई की जा सकती है। इसके साथ ही रफींग, फिनिशिंग, झरिया आदि कार्य हो सकते हैं। उक्त कार्य के लिए कई प्रकार के टूल प्रयोग में किए जाते हैं। इन टूलों को खराद मशीन के टूलों धार लगाकर काम में लिए जाते हैं।
                         शेपर मशीन में टूल का जॉब की धातु के अनुसार चयन जाता हैं। कास्ट आयरन तथा स्टील आदि की कटाई करने के लिए कार्बाइड टूल काम में लाए जाते हैं। इस प्रकार के टूल से कटिंग के लिए कटिंग की स्पीड अच्छी होनी चाहिए तथा टूल के पीछे लौटने की चाल में उनके ऊपर उठने का ऑटोमेटिक प्रबंध होना चाहिए ऐसा ना होने पर टूल के टूटने की संभावना रहती है। मशीन पर काम करते समय इस प्रकार खड़े होना चाहिए कि जॉब और टूल का कटिंग कार्य दोनों स्पष्ट दिखाई देने लगे।

Shaper Machine Introduction Principal Parts

शेपर मशीन पर कार्य करते समय रखने वाली सावधानियां

            1* मशीन को चलाने से पूर्व चेक कर लेना चाहिए ताकि मशीन को चलाने के बाद कोई रुकावट ना आए।
            2* कार्य एवं धातु के अनुसार मशीन की फीड सेट करनी चाहिए।
            3* मशीनों को साफ करने के बाद उचित जगह पर तेल और ग्रीस देना चाहिए।
            4*टूल को टूल पोस्ट में अधिक लंबा क्लैंप नहीं करना चाहिए।
            5* चलती मशीन में मशीन की स्पीड कम या ज्यादा नहीं करनी चाहिए।
            6* जॉब और टूल को मजबूती से क्लैंप करना चाहिए।
            7* चलती मशीन को छोड़कर मशीन से दूर नहीं जाना चाहिए।
            8* जॉब का माप लेना हो तो मशीन को बंद कर लेना चाहिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here