Types of Micrometers in hindi

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Types of Micrometers  माइक्रोमीटर के प्रकार

Types of Micrometers in hindi

Types of Micrometers in hindi

              माइक्रोमीटर  बारीक माप लेने का औजार है। जैसा कि इसके नाम से ही विदित होता है माइक्रो मतलब सूक्ष्म या बारिक और मीटर का अर्थ है मापना। इसके द्वारा हम सूक्ष्म से सूक्ष्म (छोटी से छोटी) माप ले सकते हैं। यह ब्रिटिश प्रणाली में1/1000″ या 0.001 इंच और मीट्रिक प्रणाली में 1/100 मी०मी०या 0.01 की शुद्धता में माप देता है। माइक्रोमीटर द्वारा मापी जा सकने वाली न्यूनतम तथा अधिकतम माप को माइक्रोमौटर को रेन्ज (Range) कहते हैँ ।
             बाजार में बिभित्र रेन्ज में माइक्रोमीटर उपलब्ध हैं, जैसे – इंचेज में 0″ – 1″ इंच, “1”- 2″ इंच, 2″ -3″ इंच, 3″ – 4″ इंच इसी रेंज में और भी बड़ी साइज में मार्केट में मील जाते हैं। और मीट्रिक में  – 0-25 मि०मी०, 25 – 50 मि०मी०, 50 – 75 मि०मी०, 75 – 100 मि०मी० इसी रेंज में और भी बड़ी साइज मे मार्केट में मिल जाते हैं।

सिद्धांत

             माइक्रोमीटर को स्क्रु थ्रेड की लीड और पिच के सिद्धांत पर बनाया गया है जो कि नट और बोल्ट की तरह कार्य करता है। इसलिए माइक्रोमीटर को स्क्रू गेज के नाम से भी पुकारते हैं।
माइक्रोमीटर दो प्रकार के होते हैं।

1 मीट्रिक माइक्रोमीटर (Metric Micrometer) मिलीमीटर
2 ब्रिटिश माइक्रोमीटर (British Micrometre) इंच या इंग्लिश माइक्रोमीटर

माइक्रोमीटर की स्पेसिफिकेशन (Specification of Micrometer)


आउटसाइड माइक्रोमीटर (Outside Micrometer),
इंसाइड माइक्रोमीटर (Inside Micrometer),
डेप्थ माइक्रोमीटर (Depth Micrometer),
स्कू पिच माइक्रोमीटर (Screw Pitch Micrometer)

                       माइक्रोमीटर का आविष्कार फ्रांस के नागरिक जीन पालमर (Jean Palmer) ने सन 1848 में किया था। जिसका नाम पालमर माइक्रोमीटर कैलीपर रखा गया। लेकिन फिर इसमें समय-समय पर बहुत से सुधार हुए। बहुत से आकार और मॉडल विकसित हुए इसके बाद आजकल का आधुनिक माइक्रोमीटर बनाया गया, जो अब चल रहा है। माइक्रोमीटर का प्रयोग बाहरी मापने के लिए करते हैं इसी प्रकार अंदर का माप लेने के लिए इंसाइड माइक्रोमीटर, गहराई मापने के लिए डेप्थ माइक्रोमीटर आदि बनाए गए यह सभी एक ही सिद्धांत नट और बोल्ट के आधार पर कार्य करते हैं, दोनों प्रणालियां एक सी ही है।

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माइक्रोमीटर के पार्ट्स (Parts of Micrometer)

1 – फ्रेम (Frame)– माइक्रोमीटर का फ्रेम अंग्रेजी केसी “C” अक्षर के आकार का होता है। यह इन्वार स्टील (Invar Steel), कास्ट आयरन (Cast Iron) और फोर्ज्ड स्टील (Forged Steel) का बना होता है इसके ऊपर माइक्रोमीटर का साइज और अल्पतमांक (Least Count) लिखा होता है।
2 – एनविल (Anvil) – फ्रेम के एक सिरे पर एनविल लगी होती है। यह इन्वार स्टील की बनी होती है और इसके फेस कार्बाईड के बने होते हैं ताकि घिस ना सके। इसके ऊपर जॉब रखकर उसका माप मापा जाता है।
3 – स्पिण्डल (Spindle) –माइक्रोमीटर का स्पिंडल इन्वार स्टील का बना होता है। इसके मापने वाली सतह कार्बाइड की बनी होती है। उसके ऊपर बाहरी चूड़ियां कटी होती है।
4 – लॉक नट (Lock nut) – माइक्रोमीटर द्वारा ली गई माप को स्थिर रखने के लिए लॉक नट का प्रयोग किया जाता है। यह बाहर से नर्लिंग (Knurling) किया रहता है। यह स्पिंडल को जाम (Lock) करता है।
5 – स्लीव, हब या बैरल (Sleeve, Hub or Barrel) – माइक्रोमीटर की स्लीव अंदर से खोखली होती है। इसके अंदर चूड़ियां कटी होती है और बाहर माप अंकित (marking) होती है।
6 – थिंबल (Thimble) – माइक्रोमीटर के स्पिंडल के ऊपर थिंबल होती है। इसको घुमाने से स्पिंडल घूमता है। इसका एक किनारा बेवल एज (Bevel Edge) होता है जिसकी पूरी परिधि को बराबर भागों में बांटा होता है। थिंबल के 1 भाग की दूरी जो दूरी आती है वही माइक्रोमीटर का लिस्ट काउंट (Least Count) होता है। इसका बाहरी भाग नर्लिंग किया रहता है।
7 – रैचेट स्टॉप (Ratchet stop) – माइक्रोमीटर के थिंबल के बाहरी सिरे पर रैचेट स्टॉप लगा रहता है। इसके द्वारा सभी व्यक्ति बराबर माप मापते हैं क्योंकि इसके प्रयोग से थिंबल ज्यादा नहीं घूमता है। माइक्रोमीटर के शुद्ध माप के लिए रैचेत स्टॉप होना जरूरी है।इसका प्रयोग करने पर जब दबाव पूरा हो जाता है तो यह टर-टर की आवाज देता है, जिसके बाद दबाव और नहीं देना चाहिए।

           आउटसाइड माइक्रोमीटर से माप लेने से पहले माइक्रोमीटर की रेंज का चुनाव किया जाता है जैसे – 0 से 25 मि०मी० बीच लेनी है या 25 से 50 मि०मी० के बीच माप लेनी है रेंज वाला माइक्रोमीटर लेना जरूरी होता है। कोई भी माप लेने से पहले माइक्रोमीटर की शून्य त्रुटि (Zero Error) जरूर चेक कर लेनी चाहिए। माइक्रोमीटर में दो प्रकार की शून्य त्रुटियां होती है।

धनात्मक त्रुटि (Positive error)
ऋणात्मक त्रुटि (Negative error)

इन त्रुटियों को दूर करने के लिए दो तरीके हैं।

1 – सी स्पेनर द्वारा (by C spinner) – इससे हुक स्पेनर भी कहते हैं।इससे त्रुटि दूर करने के लिए सबसे पहले स्पिंडल और एनविल के फेस मिलाए जाते हैं। और फिर लॉक नट से स्पिंडल को लॉक करके सी स्पिनर से हुक को स्लीव में बने छोटे से सुराख में डालकर आगे या पीछे घुमा कर थिंबल की “0” और स्लीव टाइम लाईन को एक सीध में मिलाया जाता है। इस प्रकार त्रुटि दूर हो जाती है।
2 – यदि सून्य त्रुटि (जीरो एरर) उपरोक्त विधि से दूर ना हो तो ” + ” रीडिंग को कुल रीडिंग से घटा लिया जाता है जबकि ” -” एरर को कुल रीडिंग में जोड़ दिया जाता है।
बैकलैस एरर (Backless Error)
जब किसी माइक्रोमीटर में त्रुटि चूड़ियों की प्ले या टाइट की वजह से पडती है तो वह त्रुटि बैकलेस कहलाती है। यह यह धनात्मक (Positive) और ऋणात्मक (Negative) कोई भी हो सकती है इसे स्लीव के अंदर लगे गोल नोट को टाइट या गीला करके ठीक किया जाता है।

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Types of Micrometer

माइक्रोमीटर के प्रकार (Types of Micrometer)

1 – ऑटोमोबाइल माइक्रोमीटर (Automobile Micrometer) –
इस माइक्रोमीटर की रेंज साधारण माइक्रोमीटर से अधिक होती है। इसे एडजेस्टेबल माइक्रोमीटर भी कहते हैं। इसका प्रेम बड़े साइज का होता है। इसके द्वारा जिओ से 4 इंच या 0 से 100 mm तक माप लिया जा सकता है। इसमें चार एनविल का सेट होता है। शून्य से 1 इंच, 1 इंच से 2 इंच, 2 इंच से 3 इंच और 3 इंच से 4 इंच होता है।
इसी प्रकार मिली मीटर में 0 से 25 एमएम, 25 से 50 एमएम , 50 से 75 एमएम और 75 से 100 एमएम होता है। इसी साइज के अनुपात में इससे बड़े माइक्रोमीटर बाजार में उपलब्ध होते हैं।

2 – शीट माइक्रोमीटर (Sheet Micrometer) – 
इस माइक्रोमीटर का फ्रेम अंग्रेजी के यू “U” अक्सर के आकार का होता है। इस माइक्रोमीटर के फ्रेम की गहराई 50 एमएम से 150 एमएम तक होती है। यह माइक्रोमीटर शीट की मोटाई मापने के काम में लिया जाता है। इसको पढ़ने का तरीका साधारण माइक्रोमीटर की तरह ही होता है।

3 – ट्यूब माइक्रोमीटर (Tube Micrometer) – 
इसे स्पान माइक्रोमीटर भी कहते हैं। इसकी एनविल स्पिंडल के साथ 90 डिग्री कोण में बनी होती है। इसका प्रयोग पाइप या ट्यूब (Pipe or Tube) की मोटाई मापने में किया जाता है।

4 – स्क्रु थ्रेड माइक्रोमीटर (Screw Thread Micrometer) – 
किस माइक्रोमीटर के एनविल और स्पिंडल के फेस कोनिकल होते हैं। इसका प्रयोग चूड़ी की पिच का डायामीटर मापने के लिए किया जाता है। एनविल और स्पिंडल की कोनिकल सतह का कोण चूड़ी (Thread) के स्टैंडर्ड के अनुसार होता है। इसकी एंडविल फिक्सड या मूवेबल भी होती है।

5 – हब माइक्रोमीटर (Hub Micrometer) – 
इसका फ्रेम आयताकार शक्ल का होता है। इससे 20 एमएम व्यास वाले सुराग में डाला जा सकता है। इसका प्रयोग हब की लंबाई मापने के लिए किया जाता है। इसकी रीडिंग पढ़ने का तरीका साधारण माइक्रोमीटर की तरह होता है।

6 – वी विल माइक्रोमीटर (V Anvil Micrometer) – 
इस माइक्रोमीटर के फ्रेम का आकार अंग्रेजी के वी “V” अक्षर के आकार का होता है। जिसका कोण 60 डिग्री होता है। इसका स्पैंडल आगे से नुकीला होता है। इसके ऊपर सेंटर लैस जॉब नापी जाती है। इसके प्रयोग द्वारा मापा गया माप 3d/2 होता है। अर्थात इसकी जो मां पाती है, वह 3d/2 होती है।

7 – ब्लेड टाइप माइक्रोमीटर (Blade Type Micrometer) –
इस माइक्रोमीटर की एनविल और स्पिंडल आगे से पतली होती है जो तंग स्लॉट में आ जाती है। इसका स्पिंडल घूमता नहीं है। यह थिंबल के दबाव से आगे या पीछे चलता है। इसका प्रयोग की वेज (Key-Way) कटी सॉफ्ट का माप लेने के लिए किया जाता है। इसका पढ़ने का तरीका साधारण माइक्रोमीटर की तरह ही होता है।

8 – डिस्क माइक्रोमीटर (Disc Micrometer) – 
इसे पेपर गेज माइक्रोमीटर भी कहते हैं। यह भी साधारण माइक्रोमीटर की तरह ही होता है। अंतर सिर्फ इतना है कि इसके पीछे एनविल और स्पिटल के फेस आगे से ज्यादा गोलाई में होते हैं। ताकि पतले कागज का माप आसानी से लिया जा सके।

9 – स्मॉल इंसाइड माइक्रोमीटर (Small Inside Micrometer) –
इसे छोटा इनसाइड माइक्रोमीटर भी कहते हैं। इसमें वर्नियर कैलिपर की भांति जाॅ होते हैं। जो स्पिंडल पर घूमता है और दूसरा बैरल के साथ फिक्स होता है। घूमने वाले जाॅ को माप लेते समय फिक्स जॉ की सीध में रखकर लॉक किया जाता है इसके दोनों जाॅ की मोटाई जितना कम से कम हॉल का व्यास मापा जा सकता है।

10 – बॉल माइक्रोमीटर (Ball Micrometer) –
 इस प्रकार के माइक्रोमीटर की एनविल और स्पिंडल के फेस अर्ध गोले की आकृति में होते हैं। जिससे किसी भी गोल जॉब को चेक करने में सुविधा रहती है। इसकी रीडिंग साधारण माइक्रोमीटर की तरह पढ़ी जाती है।

11 – फ्लैन्ज माइक्रोमीटर (Flange Micrometer) –
यह माइक्रोमीटर डिस्क माइक्रोमीटर की तरह होता है। इसके स्पिंडल और एनविल के फेस फ्लेंज टाइप में होते हैं। जो आगे से समतल और पीछे से टेपर होते हैं । इसका प्रयोग गरारी (Gear) के दांतो की कोर्डल थिकनैस (Chordal Thickness) मापने के लिए किया जाता है। इसके अतीरिक्त जॉब के कॉलर की मोटाई व इंजन फिन्स (Engine Find) की मोटाई मापी जाती है।

12 – डिजिटल माइक्रोमीटर – (Digital Micrometer) – 
यह आधुनिक माइक्रोमीटर है। इसमें एक डिजिटल काउंटर बना होता है जिसमें रीडिंग आती है। यह रीडिंग गरारियो की सहायता से आती है। इसमें साधारण माइक्रोमीटर की भांति रीडिंग की शुद्धता आती है। डिजिटल माइक्रोमीटर से रीडिंग लेते समय त्रुटि होने की संभावना नहीं रहती है।

13 – कॉम्बी माइक्रोमीटर (Combi Micrometer) –
 इसे संयुक्त माइक्रोमीटर डी कहते हैं। इसके डायल और स्लीव पर अलग-अलग प्रणालियों में माप एक समान आता है। अर्थात स्लीव पर इंच में माप आ रहा है तो डिजिटल पर एमएम में माप आता है। यह भी एक आधुनिक माइक्रोमीटर है। इससे माप लेने में सुविधा रहती है। यह अधिक लाभदायक माइक्रोमीटर है।

13 – थ्री प्वाइंट इंटरनल माइक्रोमीटर (Three Point Internal Micrometer) – 
इसका प्रयोग किसी भी सुराग के अंदर का साइज मापने के लिए किया जाता है। इसके एक सिरे पर थिंबल व रैचेट स्टॉप और दूसरे सिरे पर एक काॅलर होती है जिसमें तीन स्प्रिंग लोडेड सिलैंडरिकल (Cylindrical) एनविल लगे होते हैं। इसका एक स्पिंडल टेपर होता है। स्पिंडल को क्लॉक वाइज माने पर साइज बढ़ता है और एंटी क्लॉक वाइज घुमाने पर साइज घटता है।इसकी रीडिंग माइक्रोमीटर के स्लीव और थिंबल पर पढ़ी जाती है। इससे टेस्ट रिंग पिस भी कहते हैं। यह अलग-अलग साइज में मिलता है। और सेट में मिलता है। इसकी रेंज 10mm होती है।

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Types of Micrometer

माइक्रोमीटर का प्रयोग करते समय ध्यान रखने योग्य बातें :-

1_ काम के अनुसार माइक्रोमीटर का चुनाव करना चाहिए।
2_ माइक्रोमीटर का प्रयोग करने से पहले उसका चेक एरर लेना चाहिए
3_ माप लेने से पहले जॉब को साफ कर लेना चाहिए।
4_ माप लेने से पहले माइक्रोमीटर के स्पिंडल और एनविल के फेस को साफ कर लेना चाहिए।
5_ सही माप के लिए रेचैट स्टॉप का प्रयोग करना चाहिए।
6_ माइक्रोमीटर को कभी भी टूल्स के साथ नहीं रखना चाहिए ‌
7_कभी भी चलती मशीन पर जॉब को मापना नहीं चाहिए। हमेशा मशीन को रोककर माप लेना चाहिए।
8_ माइक्रोमीटर को हमेशा बॉक्स में रखना चाहिए।
9_ कभी भी लॉक नट को लगाकर माइक्रोमीटर को गेज की भांति प्रयोग नहीं करना चाहिए।
10_ काम समाप्त होने के पश्चात इससे साफ करके रखना चाहिए
11_ माइक्रोमीटर को रखते समय एनविल तथा स्पिंडल के फेस के बीच में गैप होना चाहिए क्योंकि गर्मी की वजह से धातु में फैलाव आता है।

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